पकौड़े की दुकान चलाने के साथ- साथ इस लड़के ने पास की GATE परीक्षा
पहले प्रयास में ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (गेट) क्लियर करना कोई
आसान काम नहीं हैं.लेकिन ऐसा कर दिया उत्तराखंड के पकौड़ावाले ने. गेट की परीक्षा पास
करने वाले सागर शाह उत्तराखंड के एक छोटे से गांव पीपलकोटी के निवासी हैं. छोटे से गांव
से होने के बावजूद सागर कीआंखे हमेशा से ही बड़े सपने देखा करती थी.
आसान काम नहीं हैं.लेकिन ऐसा कर दिया उत्तराखंड के पकौड़ावाले ने. गेट की परीक्षा पास
करने वाले सागर शाह उत्तराखंड के एक छोटे से गांव पीपलकोटी के निवासी हैं. छोटे से गांव
से होने के बावजूद सागर कीआंखे हमेशा से ही बड़े सपने देखा करती थी.
सागर एक एक साधारण, मध्यमवर्गीय ग्रामीण परिवार से हैं, एक सरकारी संस्थान से स्कूली शिक्षा
पूरी करने के बाद, उन्होंने देहरादून के एक कॉलेज में सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कोर्स किया.
आपको बता दें, उनकी एक दुकान गांव की मेन मार्केट में है जो " शाह जी की पकौड़े की दुकान" के
नाम से जानी जाती है. शाह ने अपनी ग्रेजुशन के बाद परिवार को आर्थिक रूप से सहारा देने के
लिए दुकान पर बैठना शुरू किया.
पूरी करने के बाद, उन्होंने देहरादून के एक कॉलेज में सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कोर्स किया.
आपको बता दें, उनकी एक दुकान गांव की मेन मार्केट में है जो " शाह जी की पकौड़े की दुकान" के
नाम से जानी जाती है. शाह ने अपनी ग्रेजुशन के बाद परिवार को आर्थिक रूप से सहारा देने के
लिए दुकान पर बैठना शुरू किया.
भले ही सागर पकौड़े की दुकान पर काम करते थे, लेकिन जीवन में कुछ बड़ा करने की चाह भी रखते थे.
गेट परीक्षा की तैयारी के लिए सागर ने कहीं से भी कोचिंग नहीं ली थी. जिसके बाद उन्होंने अपने दम
पर परीक्षा पास की. बता दें, परिवार के व्यवसाय में मदद करते हुए कॉलेज और गेट की
तैयारियों के बीच सफलतापूर्वक बाजी मारी ली. उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार और
अपने शिक्षकों से मिले समर्थन को दिया.
गेट परीक्षा की तैयारी के लिए सागर ने कहीं से भी कोचिंग नहीं ली थी. जिसके बाद उन्होंने अपने दम
पर परीक्षा पास की. बता दें, परिवार के व्यवसाय में मदद करते हुए कॉलेज और गेट की
तैयारियों के बीच सफलतापूर्वक बाजी मारी ली. उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार और
अपने शिक्षकों से मिले समर्थन को दिया.
सागर ने बताया मैं हमेशा से ही टेक्निकल शिक्षा की हासिल करना चाहता था. बता दें, गेट परीक्षा के
लिए उपस्थित होने वाले हजारों लोगों में से, सागर ने लगभग 8000 रैंक प्राप्त की है. यह उनके लिए
किसी भी अच्छे राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) में प्रवेश पाने के लिए पर्याप्त है. उन्होंने बताया
पढ़ाई के साथ- साथ एक पकोड़े की दुकान चलाना अपने आप में चुनौतीपूर्ण है. क्योंकि मुश्किल
से मजदूर और रसोइया मिलते हैं.
लिए उपस्थित होने वाले हजारों लोगों में से, सागर ने लगभग 8000 रैंक प्राप्त की है. यह उनके लिए
किसी भी अच्छे राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) में प्रवेश पाने के लिए पर्याप्त है. उन्होंने बताया
पढ़ाई के साथ- साथ एक पकोड़े की दुकान चलाना अपने आप में चुनौतीपूर्ण है. क्योंकि मुश्किल
से मजदूर और रसोइया मिलते हैं.
बता दें, गेट परीक्षा को बेहद कठिन माना जाता है. इस परीक्षा में 100 अंकों के लिए कुल 65 प्रश्न
पूछे जाते हैं। यह परीक्षा दो भागों में होती है. इसमें जनरल एप्टिट्यूड, इंजीनियरिंग मैथ और कोर
इंजीनियरिंग विषयों से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं. गेट स्कोर के माध्यम से BHEL, GAIL, HAL,
IOCL,ONGC में एडमिशन ले सकते हैं.
पूछे जाते हैं। यह परीक्षा दो भागों में होती है. इसमें जनरल एप्टिट्यूड, इंजीनियरिंग मैथ और कोर
इंजीनियरिंग विषयों से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं. गेट स्कोर के माध्यम से BHEL, GAIL, HAL,
IOCL,ONGC में एडमिशन ले सकते हैं.
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